Home उत्तराखंड उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय पर लगे आरोप निराधार: ओंकार सिंह

उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय पर लगे आरोप निराधार: ओंकार सिंह

The allegations against Uttarakhand Technical University are baseless Omkar Singh
The allegations against Uttarakhand Technical University are baseless Omkar Singh

विगत कुछ समय से वीर माधों सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सत्र 2022-23 से विश्वविद्यालय की प्रक्रियाओं में पूर्ण पारदर्शिता, गुणवत्ता, समयबद्धता के साथ जिम्मेदारी तय करने के प्रयासों के अन्तर्गत किये गये End to End Digitalization की व्यवस्था के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में अवगत कराना है कि विश्वविद्यालय द्वारा समस्त गतिविधियां Good Academic Governance के अन्तर्गत विश्वविद्यालय अधिनियम में दी गयी शक्तियों की प्राधिकारितानुसार राज्य सरकार द्वारा निर्धारित व्यवस्था का अक्षरशः अनुपालन करके संचालित की जा रही हैं। इसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नही की गयी है। यह भी बताना है कि विश्वविद्यालय के डिजिटलीकरण प्रक्रिया मंे तैयार किया गया पोर्टल समग्रता से वेबसाइट, मोबाइल एैप के साथ प्रवेश से दीक्षान्त तक की समस्त शैक्षणिक गतिविधियांे के साथ सम्बद्धता, वित्तीय प्रबन्धन, प्रशासनिक कार्यों आदि के लिए उपयोग मंे लाया जा रहा है। इसके Attendance Management System प्रदेश भर की सम्बद्ध/परिसर संस्थानों में शैक्षणिक अनुशासन स्थापित करने में सहायता मिली है, तथा न्यूनतम उपस्थिति हेतु छात्रों को कक्षाओं में लाने में काफी हद तक सफलता प्राप्त हुयी है, और अभिभावकों को भी उपस्थिति का विवरण Real time basis पर ऑनलाइन दिया जा सका है।
इसी पोर्टल के माध्यम से On Screen मूल्यांकन कर प्रत्येक छात्र को ई0मेल0 से सूचना देते हुये मूूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं का अवलोकन परीक्षाफल निर्माण से पूर्व सफलापूर्वक विगत दो सत्रों से कराया जा रहा है। इसी पोर्टल के माध्यम से विश्वविद्यालय मंे ऑनलाइन काउंसिलिंग कर प्रवेश की सम्पूर्ण प्रक्रिया को एकल खिडकी आधारित किया गया है और यथा आवश्यक चरणों में नियमित काउंसिलिंग/स्पॉट काउंसिलिंग के माध्यम से प्रवेश नियमित किये जा सके है। डिजिटलीकरण की इस प्रक्रिया से हीScholar at a Glance की सुविधा जिससे छात्र विश्वविद्यालय मंे अपनी अद्यतन शैक्षणिक यात्रा का विवरण प्राप्त कर सकते है, उपलब्ध हो सकी है। समग्रता से तैयार विश्वविद्यालय के पास इस पोर्टल के क्रियान्वयन से पूर्व कोई एकीकृत डिजिटल प्रणाली नही थी। वर्तमान में विश्वविद्यालय की सम्बद्धता की प्रक्रियाओं यथा Application, Inspection आदि को भी इसी पोर्टल से संचालित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में प्रश्न पत्रों का गोपनीय प्रेषण भी इसी पोर्टल के माध्यम से किये जाने से प्रश्न पत्रों के लीक होने जैसी समस्याआंे से निबटा जा सका है। विश्वविद्यालय द्वारा End to End Digitalization  किये जाने से वर्ष 2022-23 से पूर्व में किये जा रहे प्रवेश काउंसिलिंग, प्रश्न पत्र मुद्रण, मार्कशीट, टेबुलेशन, रजिस्टर पिं्रटिंग, डिग्री प्रिंटिंग, मूल्यांकन केन्द्र व्यय, मूल्यांकनकर्ता के टी0ए0/डी0ए0 आदि के पृथक-पृथक हो रहे व्यय के अनुरूप ही वर्तमान में समग्रता से उक्त के साथ-साथ उत्तर पुस्तिका के अवलोकन आदि अत्यधिक सुविधाओं को सभी हितधारकों के व्यक्तिगत लॉगइन के माध्यम से एक ही पोर्टल पर उपलब्ध कराया जा रहा है जो कि इस स्वरूप में वर्तमान में समर्थ पोर्टल पर नहीं है।
इस प्रकार यू0टी0यू0 द्वारा अपनी प्रतिक्रियाओं को डिजिटलीकरण कर सम्पूर्ण तंत्र को छात्र हित में पूर्ण पारदर्शिता के साथ दक्ष एवं जवाबदेही बनाने का कार्य किया गया है। इस प्रकार विश्वविद्यालय तंत्र को सुदृढ़ करने से शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ-साथ छात्रों की संख्या में सतत् बढ़ोतरी हो रही है, और सभी गतिविधियां शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार संचालित हो रही है।

यह भी देखा जा रहा है कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा छ्द्म नामों से शिकायती पत्र लिखकर कतिपय भ्रामक बातें विभिन्न स्तरों पर तथा समाचार पत्रों में एक तरफा प्रचारित की जा रही है।
विश्वविद्यालय की कार्यशैली में पूर्ण पारदर्शिता के लिये स्थापित की जा रही डिजिटलीकृत प्रणालियों तथा प्रक्रियाओं के संबंध में असत्य और भ्रामक बातें समाज में प्रस्तुत करने के परिपेक्ष्य में विश्वविद्यालय की ओर से निम्न वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा रहा है।
1. विश्वविद्यालय द्वारा अपनी शैक्षणिक व परीक्षा संबंधी प्रक्रियाओं को डिजिटलीकरण करने की कार्यवाही विश्वविद्यालय की शक्तियों में निहित निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए नवम्बर, 2022 से प्रारम्भ की गई थी एवं इसके अन्तर्गत University Management System (UMS) पोर्टल को आवश्यकतानुसार विकसित करते हुए क्रियाशील किया गया।
2. शैक्षणिक सत्र 2022-23 से यू0एम0एस0 (UMS) पोर्टल के अन्तर्गत छात्रों के लिए एकल खिड़की प्रवेश, पंजीकरण, छात्र उपस्थिति मॉनीटरिंग, परीक्षा आवेदन, ऑनस्क्रीन मूल्यांकन, परीक्षाफल निर्माण व घोषणा की कार्यवाही की जा रही है।
3. नवम्बर, 2022 से प्रारम्भ यू0एम0एस0 पोर्टल की स्थापना से पूर्व विश्वविद्यालय के पास कोई एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म नहीं था और समय-समय पर किश्तों में सॉफ्टवेयर का उपयोग कर परीक्षाफल निर्मित किये जाते थे। जिसका डाटाबेस यू0एम0एस0 को समग्रता से उपलब्ध कराये जाने के उपरान्त ही परीक्षाफल निर्मित करने की प्रक्रिया निर्धारित थी। स्वाभाविक है कि पूर्व के डाटाबेसों का सम्पूर्ण स्थानान्तरण समग्रता से एक बार में नहीं हो सकता था। कतिपय छात्रों के मामलें में पूर्व का सम्पूर्ण डाटाबेस अग्रसारित नहीं हो पाने के कारण त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल निर्मित हुआ जिसे विश्वविद्यालय द्वारा संज्ञान में लाये जाने पर तत्काल संस्थान को छात्र स्तर से कार्यवाही करने हेतु सूचित करते हुए ठीक करने की कार्यवाही की गई है और इससे छात्र व संबंधित संस्थान को सूचित करते हुए वांछित कार्यवाही सम्पन्न कर दी गयी है।
4. प्रक्रिया अन्तर्गत किसी भी त्रुटि को रोकने हेतु समस्त छात्रों की अंकतालिका और उपाधि के वितरण का दायित्व संबंधित संस्थान का भी निर्धारित है तथा संस्था को छात्रों की अंकतालिका व उपाधि वितरित करने से पूर्व प्रमाणीकृत करने के उपरान्त संस्थान निदेशक द्वारा अपना हस्ताक्षर किया जाता है। इस प्रकार यदि डिजीटल प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की त्रुटि होती है तो उसे संस्थान स्तर से भी अभिलेखों की जांच के बाद हस्ताक्षरोपरान्त छात्रों को निर्गत किये जाने की व्यवस्था निहित है। इस प्रकार स्पष्ट है विश्वविद्यालय द्वारा संस्थानों को प्रदत्त मार्कसीट एवं उपाधि की मान्यता हेतु संस्था के निदेशक स्तर से संस्थान में छात्र के बावत उपलब्ध डेटाबेस से मिलान कर इन अभिलेखों के त्रुटि रहित होने की दशा में प्रमाणित किये जाने की व्यवस्था निहित की गयी है। अतः किसी भी छात्र को मार्कसीट/उपाधि विश्वविद्यालय से संस्था के निदेशक द्वारा प्रमाणीकृत किये जाने के अभाव में सीधे निर्गत किया जाना सम्भव ही नहीं है। किसी भी छात्र की मार्कसीट/उपाधि त्रुटिपूर्ण जारी होने का दायित्व संस्था के निदेशक द्वारा त्रुटि के साथ जारी किया जाना संस्था व छात्र की मिलीभगत हो सकती है। जिसकी विश्वविद्यालय द्वारा जांच कराते हुए अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
5. दून बिजनेस स्कूल(डी0बी0एस0) के एक छात्र, जिसका नाम इंगित करते हुए छद्म नाम से शिकायत प्रचलित की गई है, ने नवम्बर, 2022 से पूर्व के डाटाबेस में बैक पेपर न दर्शाये जाने के कारण निर्गत त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल के परिपेक्ष्य मे तत्काल विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षाफल सुधार के उपरान्त बैक पेपर की ससमय परीक्षा दे दी थी एवं इस छात्र के नाम को लिखते हुए किया गया प्रचार भ्रामक व असत्य है।
6. विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर सभी सम्बद्ध तथा परिसर संस्थाओं को यह निर्देश दिये जाते रहे हैं कि किसी भी परिस्थिति में छात्र को विश्वविद्यालय न भेजा जाय अपितु छात्र द्वारा प्रवेशित संस्थान के स्तर से प्रत्येक छात्र को समस्त अभिलेखों का वितरण, त्रुटि सुधार आदि जैसी कार्यवाही की जाय। ऐसे में विश्वविद्यालय की आंतरिक व्यवस्था/प्रक्रिया में लगे कार्मिकों/ऐजेंसी को किसी भी छात्र से सीधे संवाद करना पूर्णतया प्रतिबंधित है।
7. विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन वर्ष 2023 से ऑनस्क्रीन डिजिटल तरीके से किया जा रहा है। ऑनस्क्रीन डिजीटल मूल्यंाकन हेतु शिक्षकों की मूल्यांकनकर्ता के रूप में तैनाती यू0एम0एस0 पोर्टल पर संस्थानों के निदेशकों के स्तर से उपलब्ध करायी गयी प्रमाणित सूची मेें से विषयवार की जाती है। विषयवार मूल्यांकनकर्ता शिक्षकों की तैनाती परीक्षा नियंत्रक द्वारा करते हुए संबंधित शिक्षक को सीधे ई-मेल द्वारा उनके पंजीकृत ई-मेल पर लॉगइन आई0डी0 तथा पासवर्ड प्रेषित किये जाने की प्रक्रिया अपनायी जा रही है। साथ ही कतिपय विषयों के मूल्यांकन हेतु विश्वविद्यालय के सम्बद्ध/परिसर संस्थाओं में मूल्यांकन हेतु शिक्षकों की अनुपलब्धता की दशा में मूल्यांकन कार्य समयान्तर्गत करने हेतु विश्वविद्यालय से बाहर के शिक्षकों को भी उनका यू0एम0एस0 पोर्टल पर पंजीकरण होने के उपरान्त परीक्षा मूल्यांकन तथा विश्वविद्यालय के अन्य कार्यो हेतु तैनात किया जाता है। ऑनस्क्रीन डिजिटल मूल्यांकन में प्रत्येक मूल्यांकनकर्ता द्वारा पोर्टल पर पंजीकरण करते समय सरकार द्वारा जारी पहचान आधार कार्ड एवं पैन कार्ड आवश्यक रूप से दर्ज एवं अपलोड़ करने के उपरान्त ही पंजीकृत होता है। किसी भी शिक्षक का यू0एम0एस0 पोर्टल पर पंजीकरण संस्थान के निदेशक द्वारा प्रमाणीकृत करने के उपरान्त ही दर्ज होना प्रावधानित है। अतः इस प्रक्रिया मंे सम्पूर्ण मूल्यांकन में तैनात मूल्यांनकर्ताओं का डिजिटल ट्रैक प्रत्येक उत्तर पुस्तिका के साथ गोपनीय रूप से संरक्षित रहता है।
अतः वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था में किसी भी शिक्षक को ऑनस्क्रीन मूल्यांकन हेतु लॉगइन आई0डी0 तथा पासवर्ड पूर्णतया गोपनीय रूप से संबंधित शिक्षक की ई-मेल पर भेजे जाने के कारण इसकी गोपनीयता रखते हुए मूल्यांकन करने का दायित्व संबंधित व्यक्ति का भी होता है एवं इसका अनुपालन करते हुए परीक्षाफल निर्माण किया जा रहा है।
8. विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी त्रुटि को संज्ञान मंे लाये जाने के बाद यथा आवश्यक जांच पड़ताल के बाद सुधारात्मक कार्यवाही की जाती है एवं इसमें किसी की भी संलिप्ता होने पर दडात्मक व निरोधात्मक कार्यवाही की जाती है। विश्वविद्यालय विगत 2022-23 सत्र से परीक्षा मूल्यांकन में शत प्रतिशत पारदर्शिता के उद्देश्य से परीक्षार्थियों को मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकायें पूर्व से सूचित कर ऑनलाइन प्रदर्शित कर रहा है। मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका अवलोकित कराने वाला यह एक मात्र सम्बद्धकारी विश्वविद्यालय है। इस प्रकार विश्वविद्यालय द्वारा सत्त रूप से परीक्षा में सम्पूर्ण शुचिता एवं पारदर्शिता लाने के प्रयास के साथ-साथ संस्थाओं व शिक्षकों को छात्रों के शिक्षण एवं प्रशिक्षण में गुणवत्ता के प्रति उत्तरदायित्व बनाने का कार्य कर रहा है।
9. विश्वविद्यालय द्वारा अपनी परीक्षा समिति में ऐसे सभी त्रटिपूर्ण परीक्षाफलों को निरस्त करते हुये समुचित कार्यवाही की जा रही हैं। ऐसी त्रुटियों की पुनर्रावृृत्ति रोकने हेतु परीक्षा समिति द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किये गये समस्त परीक्षाफलों को प्रथमतः प्रोविजनल रूप में तैयार कर सभी संस्थानों को इस आशय से पोर्टल के माध्यम से प्रेषित किया जायेगा कि वह इसका अपने पास उपलब्ध पूर्व के डेटाबेस से मिलान कर इसकी सत्यता प्रमाणित करें। किसी भी संस्था स्तर से प्रोविजनल परीक्षाफल की सत्यता की पुष्टि के अभाव में परीक्षाफल को अंतिम रूप से विश्वविद्यालय द्वारा जारी नहीं किया जायेगा। इस प्रकार विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे परीक्षाफल निर्माण में छात्र के अध्ययनरत संस्था की भी परोक्ष रूप से सहभागिता सुनिश्चित हो सकेगी जिसके आधार पर संस्थान निदेशक द्वारा छात्रों को निर्गत की जाने वाली मार्कसीट व उपाधि के प्रमाणीकरण में सहजता होने के साथ-साथ किसी भी सम्भावित त्रुटि को समय रहते ठीक किया सकेगा। परीक्षा समिति द्वारा प्रत्येक छात्र की अंकतालिकाओं में वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था जिसमें वार्षिक आधार पर ही उस वर्ष के बैक पेपर का विवरण उस वर्ष की मार्कसीट में प्रदर्शित होता है को संशोधित करते हुये तद्समय तक बैक पेपर होने की दशा में बैक पेपर विवरण समग्रता से मार्कसीट में दर्शाये जाने का भी निर्णय लिया गया है। साथ ही विगत में परिलक्षित त्रुटियों हेतु संबंधितों को चेतावनी देते हुये इनकी पुनर्रावृत्ति रोकने के निर्देश दिये गये हैं।

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