विकासनगर। हरिद्वार से हनोल तक शुरू की गई आध्यात्मिक पदयात्रा बुधवार को चकराता पहुंची। यात्रा में शामिल लोगों ने चिंताहरण महादेव मंदिर में पूजा अर्चना कर विश्व कल्याण की मन्नतें मांगीं। स्थानीय लोगों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया। यात्रा का नेतृत्व कर रहे आचार्य विजय कृष्ण महाराज ने कहा कि जौनसार बावर क्षेत्र नैसर्गिक सुंदरता के साथ ही धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी प्रसिद्ध है। सदियों से यहां के बाशिंदे धर्मपरायण रहे हैं। युवा पीढ़ी भी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का पालन कर रही है। लेकिन क्षेत्र में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति चिंता का विषय बन रही है। युवा नशे की गिरफ्त में आकर समाज के लिए भी परेशानी का कारण बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि जौनसार बावर की सांस्कृतिक विरासत और अपनी संस्कृति पर स्थानीय लोगों का लगाव पूरे देश के लिए अनुकरणीय है। क्षेत्र से बाहर जौनसार बावर की छवि एक ऐसे शांतिप्रिय क्षेत्र की है, जहां के लोग धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। कहा कि इस छवि को बनाए रखने के लिए जरूरी है पूरे क्षेत्र को नशा मुक्त किया जाए। उन्होंने बताया कि पदयात्रा का उद्देश्य युवाओं को आध्यात्म से जोड़ कर नशे की प्रवृत्ति से दूर करना है। यात्रा में आचार्य विवेक जोशी, सिद्धेश्वर गिरी महाराज, सरदार शर्मा, देव माली, अमित चौहान, नितेश शर्मा, बृजेश जोशी, लक्की उनियाल, विद्यादत्त जोशी आदि शामिल रहे।