न्यू दिल्ली लगभग 33 व्यापार संघठनों ने फेडरैशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मण्डल (थ्।प्टडद्ध की दिल्ली इकाई के साथ “ माननीय प्रधान मंत्री श्री मोदी जी के आह्वान, घर-घर जगह-जगह “वोकल फॉर लोकल“ की मुहिम को सार्थक सहयोग देते हुवे एक वृहद विचार गोष्ठी का आयोजन मुख्य अतिथि श्री सुनील सिंघी चेयरमैन ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड की अध्यक्षता में आयोजित की गई । इस दौरान श्री सिंघी जी ने बताया कि कैसे काफी सारे पुराने नियमों को के साथ ही लगभग 160 आपराधिक नियमों को व्यापारियों के पक्ष में समाप्त किया जा रहा है । साथ ही सरकार “ऑपरेशन सिंदूर” के माध्यम से विश्व को भी यह समझा रही है की “ट्रेड के साथ टेरर” (ज्तंकम ूपजी ज्मततवत) नही चल सकता है.। श्री सिंघी जी ने अब पूरे विश्व में नई व्यापार में टैरिफ टैक्स की व्यवस्था को बहुत सहज कर व्यापारियों को समझाया । आपने कहा की भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने लोकल सर्विसेस, प्रोडक्ट, तीर्थ स्थल के पर्यटन को बढावा देना होगा और इसके लिए डिजिटल क्रांति का भी अधिकतम उपयोग करना होगा। कार्यक्रम के दौरान मान्यवर श्री सुनील सिंघी चेयरमैन जी ने स्वदेशी चीजों को अपनाने के लिए लोगों को लोकल फॉर वोकल की शपथ दिलाई
श्री राजीव शर्मा दिल्ली थ्।प्टड के जनरल सेक्रेटरी ने संक्षेप में व्यापारियों के सुझाव श्री सुनील सिंघी “चेयरमैन ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड” जी को बताए । श्री सिंघी जी ने कहा कि वो हर समय व्यापारियों के लिए उपलब्ध हैं आपने साथ ही व्यापारियों को आश्वासन दिया की दिल्ली के व्यापारी किसी भी समस्या को लेकर “फेडरेशन” के माध्यम से कभी भी आकर मुझसे मिल सकते है। फेडरेशन का कोई भी व्यक्ति किसी भी कार्य के लिए मेरे पास आएगा, मैं उसके कार्य को करवाने की मैं पूरी कोशिश करूंगा ।
श्री आर.के.गौर जनरल सेक्रेटरी थ्।टप्ड ने ळैज् और व्यापारियों की दूसरी समस्याओं पर विचार रखें और कहा की डब्क् में लाइसेंस एक बार में 5 साल के लिए बने इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है। श्री राजेश्वर पैन्यूली, राष्टीय प्रवक्ता और कोषाध्यक्ष थ्।प्टड ने एस बारे मे अपने जारी बयान में बताया की व्छक्ब् प्लेटफॉर्म गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने छोटे व्यापारियों के लिए ऑन लाइन व्यापारियों के साथ प्रतिस्पर्धा में खडे होने में सहायता के लिए है ।
श्री सुरेन्द्र बिंदल जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और सभी व्यापारियों का धन्यवाद दिया साथ ही साथ श्री सिंघी जी से निवेदन किया कि चेक बाउंस से संबंधित धारा 138 में केसों का निपटारा अधिक से अधिक 6 महीने के भीतर करने के लिए जरूरी प्रयास किए जाए ।