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सीएम धामी ने किया हरेला पर्व के अवसर पर मालदेवता देहरादून में आयोजित ‘शहीदों के नाम पौधरोपण’ कार्यक्रम में प्रतिभाग

CM Dhami participated in the 'Plantation in the name of martyrs' program organized at Maldevta Dehradun on the occasion of Harela festival
CM Dhami participated in the 'Plantation in the name of martyrs' program organized at Maldevta Dehradun on the occasion of Harela festival

देहरादून(आरएनएस) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को हरेला पर्व के अवसर पर मालदेवता देहरादून में आयोजित ‘शहीदों के नाम पौधरोपण’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण किया। कार्यक्रम के दौरान जम्मू के कठुआ में शहीद हुए उत्तराखण्ड के जवानों एवं बिनसर वन्यजीव विहार में वनाग्नि दुर्घटना में मृतक वन्य कर्मियों की स्मृति में श्रद्धांजलि स्वरूप पौधा रोपण किया गया। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय प्रयास करने वाले स्कूलों एवं वन पंचायतों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरेला पर्व सुख, समृद्धि, शान्ति, पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण का प्रतीक है। यह पर्व जीवन को प्रकृति के साथ जोड़ने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक रूप से समृद्ध राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को प्रतिज्ञा लेनी होगी कि हम प्राकृतिक धरोहर एवं विरासत को संरक्षित कर भावी पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण देंगे। इस बार राज्य में हरेला पर्व की थीम पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली निर्धारित की गई है। उन्होंने जल संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में सभी को योगदान देने के लिए अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तापमान में वृद्धि होना, सबके लिए चिंतन का विषय है। देवभूमि उत्तराखण्ड को प्रकृत्ति ने सब कुछ दिया है। हमारी जिम्मेदारी है कि प्रकृति प्रदत्त सम्पदाओं का सही तरह से उपयोग हो। वृक्षारोपण और जल संरक्षण की दिशा में सबको मिलकर प्रयास करने हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरेला पर्व पर 50 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें सरकार के साथ जन सहयोग भी लिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा 15 अगस्त तक बृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। सरकार के साथ स्वयं सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों, एनजीओ और जनसहयोग को इसमें लिया जायेगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि जो भी वृक्षारोपण किये जा रहे हैं, उनका संरक्षण भी करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में  पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनेक कार्य किये गये हैं। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरूआत की थी। तब से अब तक देश में करोड़ों पौधे रोपे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। उत्तराखण्ड ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए देश में पहला स्थान हासिल किया है। यह उत्तराखण्ड के लिए गौरव का विषय है। हरेला पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी विद्यालयों, कॉलेजों, निकायों, जनप्रतिनिधियों तथा सभी सरकारी एवं निजी संस्थानों से भी अपने परिसर में अधिक से अधिक पौधों का रोपण का आह्वाहन किया। मुख्यमंत्री ने मिश्रित वन के तहत पर्यावरण विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में ‘सिंगलास वन’ विकसित करने के लिए प्रयास कर रही रूद्रप्रयाग जनपद के कोट ग्राम पंचायत की मातृशक्ति के प्रयासों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के साथ जल संरक्षण के लिए भी कार्य किये जा रहे हैं, यह एक सराहनीय पहल है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरेला पर्व के उपलक्ष्य में इस वर्ष प्रदेश में 01 करोड़ 64 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान 15 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान यहां का नैसर्गिक सौन्दर्य है। वन सम्पदा राज्य की आजीविका का महत्वपूर्ण संसाधन है। वन सम्पदाओं को बढ़ाने और जल संरक्षण की दिशा में हमें निरन्तर कार्य करने हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और ग्लेशियरों का तेजी से पिघलना बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को शुद्ध वतावरण देने के लिए सबको वृक्षारोपण और जल संरक्षण की दिशा में कार्य करने होंगे।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक उमेश शर्मा काऊ, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) डॉ. धनंजय मोहन, आईजी गढ़वाल के.एस नगन्याल, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी अजय सिंह एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।