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उत्तराखण्ड के चारों धामों के अलावा यात्रा मार्गों पर भी श्रद्धालुओं और वाहनों की धारण क्षमता का आंकलन किया जाए: मुख्यमंत्री

Apart from the four Dhams of Uttarakhand, the carrying capacity of devotees and vehicles should also be assessed on the yatra routes: Chief Minister
Apart from the four Dhams of Uttarakhand, the carrying capacity of devotees and vehicles should also be assessed on the yatra routes: Chief Minister

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा, मानसखण्ड मदिंर माला मिशन, कैंचीधाम और पूर्णागिरी में विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि चारों धामों की धारण क्षमता के अलावा यात्रा मार्ग के अन्य स्थलों पर भी श्रद्धालुओं और वाहनों की धारण क्षमता का आंकलन करना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्गों और राज्य के तीर्थाटन और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों पर पार्किंग और मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित प्रस्ताव आवास विभाग को भेजे जाएं। चारधाम यात्रा के चरम सीमा वाली अवधि में हर साल के लिए विशेष प्लान बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-  कर्णप्रयाग रेल सेवा शुरू होने से पहले रेल मार्गों पर और कर्णप्रयाग एवं उसके आस-  पास के क्षेत्रों में पार्किंग एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी कार्ययोजना के साथ कार्य किये जाएं।
चारधाम यात्रा सुचारू रूप से चलने पर मुख्यमंत्री ने संतोष व्यक्त किया। उन्होंने शासन और प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इसी मनोयोग के साथ चारधाम यात्रा को आगे भी सुव्यवस्थित रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मई तक ऑफलाईन रजिस्ट्रेशन बंद रखे जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के अनुरूप ऑफलाईन रजिस्ट्रेशन पर आगे निर्णय लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने गढ़वाल और कुमांऊ कमिश्नर को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रूट डायवर्ट प्लान पर भी कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम और पूर्णागिरी में भी श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कैंची धाम में मूलभूत सुविधाओं के साथ पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था रखी जाए। कैंची धाम जाने वाले मार्गों में भी पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की जाय। कैंची धाम के लिए शटल बस सेवा शुरू की जाय। कैंचीधाम के लिए बाईपास भी प्रस्तावित है। पूर्णागिरी में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत कार्यों में तेजी लाई जाय। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के साथ ही मूलभूत सुविधाओं पर तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि गढ़वाल और कुमांऊ की कनेक्टिविटी को और मजबूत करने और पर्यटन तथा तीर्थाटन की दृष्टि से दोनों मण्डलों को श्रद्धालुओं से जोड़ने लिए रानीखेत और चौखुटिया क्षेत्र में होम स्टे और अन्य सुविधाओं को विस्तार देने पर कार्य किया जाए।
चारधाम यात्रा को सुगम और बेहतर बनाने के लिए ‘यात्रा समाधान’ मोबाइल एप्लीकेशन का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। इस मोबाइल एप्लीकेशन का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को सभी सुविधाएं एक ही प्लेटफार्म पर देना है। इस एप्लीकेशन के माध्यम से चारों धामों के निकटवर्ती पुलिस स्टेशन, हॉस्पिटल, पार्किंग और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से यात्रा से जुड़े सभी पक्षकार बीकेटीसी, मंदिर प्रशासन, होटल, टूर ऑपरेटर्स, ट्रांसपोर्टस आपस में जुड़ सकेंगे। मुख्यमंत्री ने आईटीडीए और पर्यटन विभाग को निर्देश दिये कि इस मोबाइल एप्लीकेशन को और बेहतर बनाने के लिए कार्य किये जाए।
बैठक में मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव एस.एन. पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एडीजी ए.पी. अंशुमन, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, नितिन भदौरिया, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी देहरादून  सोनिका, एसएसपी अजय सिंह वर्चुअल माध्यम से अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, कुमांऊ कमिश्नर दीपक रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार धीराज गर्ब्याल, जिलाधिकारी नैनीताल  वंदना उपस्थित थे।