
रुद्रपुर। भाकियू (टिकैत) के यूपी व उत्तराखंड की प्रथम कार्यसमिति में किसानों की समस्याओं पर चर्चा हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि किसानों की समस्याओं को लेकर जल्द ही महापंचायत बुलायी जाएगी। पंजाब में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने व किसानों के जब्त ट्रैक्टर-ट्रॉली रिलीज करने की मांग की। इस कार्यसमिति में यूपी और उत्तराखंड के किसान नेता पहुंचे। मंगलवार को सितारगंज के गुरुद्वारा गुरु का ताल आगरा वाले में किसानों की कार्यसमिति में केंद्र व प्रदेश सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया। यूपी व राज्य प्रभारी बलजिंदर सिंह मान व यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजपाल शर्मा समेत किसान वक्ताओं ने कहा कि तीन काले कानून किसानों के दवाब में वापस लिए गए, लेकिन सरकार ने अभी तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनाया। किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग कर रही है। पंजाब से दिल्ली आ रहे किसानों को पहले रोका। बाद में जेलों में ठूंसकर बर्बरतापूर्ण कार्य किया। कार्यसमिति में तराई में दशकों से जलाशयों एवं वन भूमि के किनारे काबिज किसानों को मालिकाना हक के लिए आंदोलन करने पर सहमति हुई। वक्ताओं ने वर्ग चार, वर्ग एक ग, वर्ग पांच की जमीनों के नियमितीकरण की प्रक्रिया सरल करने, किसानों की फसलों को बेसहारा पशुओं से बचाने, एक अप्रैल से गेहूं खरीद केंद्र खोलने व 48 घंटे में भुगतान करने, बिजली प्रीपेड मीटर से किसानों व मजदूरों को अलग रखने, एनजीटी की सिफारिश से लाई जा रही कबाड़ नीति को किसानों की जमीनों की समस्या का निस्तारण करने की मांग की। कार्यसमिति में बाजपुर के 20 गांवों के किसानों की जमीनों का मुद्दा छाया रहा। किसान नेताओं ने कहा कि बाजपुर के किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर भी आंदोलन तेज किया जाएगा। इस दौरान भाकियू टिकैत के संगठन को गांव-गांव तक पहुंचाने पर चर्चा हुई।
















