डीएवी कॉलेज में 127 एनसीसी कैडेटों ने किया रक्तदान
डी ए वी (पी जी ) कालेज की एनoसीoसीo की ब्वाॅयज एवं गर्ल्स यूनिटों , वीरा फाउंडेशन , एल०जी० इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा यूथ रेडक्रॉस कमेटी तथा ब्लड बैंक दून मेडिकल कॉलेज के सहयोग से एक रक्तदान शिविर का आयोजन महाविद्यालय के दीन दयाल उपाध्याय सभागार में किया गया।
रक्तदान शिविर में कुल 122 एनसीसी छात्र – छात्रा कैडेटों ने रक्तदान किया। इस अवसर पर रक्तदाता प्रेरक डॉo अनिल वर्मा यूथ रेडक्रास को रिकॉर्ड 155 बार रक्तदान करने हेतु विशेष रूप से *” डीएवी कॉलेज सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन -2025″ से सम्मानित किया गया।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि कॉलेज प्राचार्य डॉ० सुनील कुमार सिंह , विशिष्ट अतिथि रेडक्रास के डाॅ० अनिल वर्मा, एनसीसी अधिकारी मेजर (डॉ०) अतुल सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर अशोक श्रीवास्तव ,डॉ० एच एस रंधावा,डॉ राजेश पाल दून हाॅस्पिटल बलड बैंक अधिकारी डाॅ० सोहिल नकरा, डॉ सारिका भट्ट, वीरा फाऊंडेशन के सीएफओ विनोद डोभाल तथा रितु डोभाल ने दीप प्रज्ज्वलित करके शिविर का उद्घाटन किया।
मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ० सुनिल कुमार सिंह ने कहा कि रक्तदान को महादान इसलिए कहा जाता है ,क्योंकि यह रक्त के अभाव में अंतिम सांसें गिन रहे व्यक्ति को जीवनदान देता है। उसके परिवार को टूटने से बचाता है।प्रत्येक 18-65 वर्ष का स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। एक बार रक्तदान करने से कम से कम तीन व्यक्तियों की जान बचती है।
मुख्य वक्ता व विशिष्ट अतिथि रक्तदाता शिरोमणि डॉ० अनिल वर्मा , राष्ट्रीय सचिव एफबीडीओआई ने बतौर रक्तदाता प्रेरक छात्र – छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में रक्तदान को लेकर आज भी अनेक भ्रांतियां हैं , जो बिल्कुल आधारहीन हैं।
बल्कि नियमित रक्तदान करने से तो रक्तदाता को ही अनेक लाभ मिलते हैं। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से हर तीन महीने में रक्तदान करते रहने से 90% हार्ट अटैक पड़ने एवं 85 % कैंसर होने की संभावना नहीं रहती। एक बार यानी 350 मिली रक्तदान करने से शरीर से 600 कैलोरी खर्च होती है,जिससे चर्बी पिघलने से मोटापा नहीं आता। बोन मैरो एक्टिवेट होने से शरीर में नये ब्लड सेल्स बनते हैं तथा शरीर ऊर्जा व उत्साह से भर जाता है।साथ ही शरीर में आयरन लेवल , शुगर, कोलेस्ट्रॉल तथा हाई बी० पी० कंट्रोल में रहता है। अतः प्रत्येक स्वस्थ पुरुष को हर तीन महीने बाद तथा महिलाओं को चार महीने बाद रक्तदान अवश्य करना चाहिए।
अवार्डी श्री वर्मा ने उन्हें सम्मानित करने के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० सुनिल कुमार सिंह, एनसीसी अधिकारी मेजर डॉ० अतुल सिंह, दून ब्लड बैंक अधिकारी डॉ० सोहिल नकरा तथा वीरा फाऊंडेशन के सीएफओ विनोद डोभाल , रितु डोभाल तथा सारिका भट्ट का हृदय से आभार व्यक्त किया।
शिविर के संयोजन में डीएवी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ० एच एस रंधावा, डॉ० प्रशांत सिंह, डॉ० जी पी डंग, डॉ० जेवीएस रौथाण, डॉ एस एस रंसवाल, डीबीएस काॅलेज एनएसएस के पूर्व कमांडरों हर्षल दीप सिंह, दीपांशु कोठारी,शरद प्रकाश तथा प्रदीप बैराठी ने एवं शिविर संचालन में दून मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक अधिकारी डॉ० सोहिल नकरा, डॉ वंशिका सिंह कंसल्टेंट अनिता सकलानी, टेक्नीशियंस प्रेम पंत, गणेश गोदियाल, योगेश बड़थ्वाल, अरविंद रावत, मौ०फुरकान ,चंद्रमोहन सिंह बिष्ट तथा अमित ने विशेष योगदान दिया।

















