Home उत्तराखंड विधायक आवास हल्द्वानी में फिल्म ‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ का पोस्टर लांच...

विधायक आवास हल्द्वानी में फिल्म ‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ का पोस्टर लांच किया गया।

The poster of the film 'DFO Diary Forest Warriors' was launched at the MLA residence in Haldwani.
The poster of the film 'DFO Diary Forest Warriors' was launched at the MLA residence in Haldwani.

एफ टी आई हल्द्वानी ऑडिटोरियम में ‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया गया

हल्द्वानी – 06 अक्टूबर 2025 – उत्तराखंड के गुमनाम योद्धाओं की सच्ची घटनाओं से प्रेरित एक एपिसोडिक फिल्म ‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ का विधायक आवास हल्द्वानी में मुख्य अतिथि बंशीधर भगत जी विधायक कालाढुगी विधान सभा , प्रताप सिंह बिष्ट
जिला अध्यक्ष नैनीताल एवं शान्ति भट्ट पूर्व ब्लाक प्रमुख हल्द्वानी के उपस्थिति में फिल्म का पोस्टर लॉन्च किया गया। कार्यक्रम में ‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ की ओर से संजय मैठाणी एजुकेटिव प्रोड्यूसर , सुषमा भारद्वाज एवं हर्षिता कोहली मौजूद रहे। वहीं एफ टी आई हल्द्वानी ऑडिटोरियम में ‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया गया

यह फिल्म नैशनल वाइल्ड लाइफ वीक के अवसर पैन-इंडिया रिलीज हो रही फिल्म ‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ एक सिनेमाई अनुभव है उत्तराखंड के जंगलों को बचाने की खामोश लड़ाई का।

यह फिल्म २०२४ का बिन्सर अग्निकांड के ऊपर आधारित है। बिन्सर वाइल्ड सेंचूरी, जो अल्मोड़ा जिले में स्थित है वहाँ २०२४ की गर्मियों में जंगलों में लगी आग को बुझाते हुए कुछ वनकर्मी और स्थानीय लोग शहीद हो गए। ये फिल्म उन्हीं शहीदों और उनके जैसे अन्य वनरक्षकों के संधर्ष को सामने लाती है।

संक्षेप में फिल्म उन गुमनाम योद्धाओं के बारे में बताती दिखाती है जो इस प्रकृति और पर्यावरण के लिए कई बार अपनी जान तक कुर्बान कर देते हैं। कई सारी सच्ची घटनाओं से प्रेरित इस डायरी के पन्नों को गीत-संगीत के साथ फिल्मी अंदाज में प्रस्तुत किया गया है।

‘डीएफओ डायरी फॉरेस्ट वॉरियर्स’ एक रोमांचक एडवेंचर ड्रामा फिल्म है, जिसे उत्तराखंड के खूबसूरत कुमाऊँ हिमालय की गोद में फिल्माया गया है। यह फिल्म जंगलों की आत्मा और उन जाँबाज रक्षकों की गाथा है, जो हर दिन प्रकृति को बचाने के लिए संघर्ष करते हैं।

डीएफओ की डायरी के पन्नों से दर्शक उन वास्तविक और नाटकीय घटनाओं की यात्रा पर निकलते हैं, जहाँ जंगल ही पृष्ठभूमि भी है और रणभूमि भी। कहीं निर्दयी शिकारी मासूम ट्रेकर्स की जिंदगी पर खतरा बनकर आते हैं, तो कहीं भीषण जंगल की आग से लड़ने के लिए गाँववाले, अधिकारी और बच्चे एकजुट होकर धरती माँ को बचाने की कसम खाते हैं।

फिल्म की सिनेमाटोग्राफी उत्तराखंड की झीलों, ओक पाइन से भरे घने जंगलों, धुंध से ढकी घाटियों और पारंपरिक गाँवों की सुंदरता को बड़े परदे पर जीवंत करती है। हिमालय यहाँ एक पात्र की तरह उभरता है जिसकी गोद में सौंदर्य भी है और संकट भी।

इस फिल्म की सारी शूटिंग कुमांउ की खूबसूरत वादियों की गयी। नैनीताल, भवाली, पंगोट, रामगढ़, मुक्तेश्वर आदि लोकेशन में इसे फिल्माया गया।

 

इस फिल्म का लेखक-निर्देशक : महेश भट्ट, निर्माताः सज्जू लाल टी आर, कॉन्सेप्ट: बीजू लाल आई.एफ.एस. क्रिएटीव प्रोड्यूसर : आयुष्मान भट्ट कैमरा: मनोज सती, संतोष पाल सम्पादन : आयुष्मान, आलोक सिंह, पटकथा : ऋतुराज संगीत: अमित वी कपूर, विनय कोचर, मन चौहान, पार्श्व संगीत : अमित वी कपूर, स्वरः पद्मश्री कैलाश खेर, बीजू लाल आई.एफ. एस, कास्टिंग : सौरभ मिश्रा, कास्टूयम: काजल सिंह, फाइट अरूण सिंह, एक्जीक्यूटिव प्रोडूयसर : संजय मैठाणी हैं।