Home उत्तराखंड नम आंखों से शहीद इंस्पेक्टर को दी अंतिम विदाई

नम आंखों से शहीद इंस्पेक्टर को दी अंतिम विदाई

The martyred inspector was given a tearful farewell
The martyred inspector was given a tearful farewell

ऋषिकेश। भारत-चीन सीमा पर विशिष्ट पेट्रोलिंग के दौरान आईटीबीपी के शहीद इंस्पेक्टर चन्द्र मोहन सिंह नेगी का पार्थिव शरीर शनिवार को डोईवाला पहुंचा। जहां अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धांजलि देने के बाद उनकी अंतिम यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हुई। जहां नम आंखों से शहीद इंस्पेक्टर को अंतिम विदाई दी गई। श्रद्धांजलि देने पहुंचे सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया। कहा कि सरकार शहीद के परिजनों के साथ खड़ी है। बीती गुरुवार को डोईवाला दुर्गा चौक निवासी आईटीबीपी निरीक्षक चन्द्र मोहन सिंह नेगी एलएसी पर शॉर्ट-रेंज पेट्रोलिंग के दौरान करग्युपा नाले में गिर गए थे। जिसके बाद वे शहीद हो गए। उनके निधन की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर है। शनिवार सुबह शहीद चंद्रमोहन सिंह नेगी का पार्थिव शरीर डोईवाला पहुंचा। पार्थिव शरीर के पहुंचने पर क्षेत्रवासियों की भीड़ उमड़ पड़ी। शहीद के परिजन पार्थिव शरीर पर लिपटकर रोने लगे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने शहीद के घर पहुंचकर उनके परिजनों को ढांढस बंधाया। श्रद्धांजलि देने के बाद शहीद की अंतिम यात्रा हरिद्वार स्थित गंगा घाट के लिए रवाना हुई। मौके पर डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला, आईजी आइटीबीपी संजय गुंज्याल, आईएएस गौरी प्रभात, उपजिलाधिकारी अर्पणा ढौंडियाल, जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा जिला महामंत्री राजेंद्र तड़ियाल, हिमांशु चमोली, भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र नेगी,भाजपा मीडिया प्रभारी भारत गुप्ता, गौरव चौधरी, मनोज नौटियाल, राजेश भट्ट, ईश्वर रौथाण, विक्रम नेगी, राजेश डोभाल, पुरुषोत्तम डोभाल, नीलम नेगी, आनंद राणा, अवतार सिंह, सुनीता सैनी आदि मौजूद रहे।
पौड़ी के रहनेवाले थे शहीद इंस्पेक्टर
शहीद निरीक्षक चन्द्र मोहन सिंह नेगी (55) मूलरूप से पौड़ी के रहने वाले थे। करीब बीस साल से उनका परिवार देहरादून के डोईवाला तहसील के जौलीग्रांट स्थित दुर्गा चौक में रह रहा है। वह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल में वर्ष 1987 में 24 सितंबर को बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह निरीक्षक के पद पर तैनात थे। शहीद निरीक्षक का छोटा भाई देवेंद्र नेगी डोईवाला कोतवाली में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। शहीद की पत्नी विमला, 27 वर्षीय पुत्र गौरव और 24 साल की बेटी दीक्षा समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

Exit mobile version