Home उत्तराखंड एएसआई के अधीन संरक्षित क्षेत्रों दूरी को कम किया जाये: महाराज

एएसआई के अधीन संरक्षित क्षेत्रों दूरी को कम किया जाये: महाराज

The distance between protected areas under ASI should be reduced Maharaj
The distance between protected areas under ASI should be reduced Maharaj

केन्द्रीय मंत्री शेखावत से मुलाकात कर मूर्तिविहीन मंदिरों में मूर्ति स्थापित करने का अनुरोध

देहरादून/दिल्ली। प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से नई दिल्ली स्थित कार्यालय पर शिष्टाचार भेंट कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन आने वाले संरक्षित क्षेत्रों की प्रतिषिद्ध दूरी एवं मानकों के साथ-साथ जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने शुक्रवार केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से नई दिल्ली स्थित उनके कार्यालय पर शिष्टाचार भेंट कर उनसे अनुरोध किया कि देश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन आने वाले संरक्षित क्षेत्रों की प्रतिषिद्ध दूरी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा अपने मानकों के अनुरूप 100 मीटर रखा गया है। जबकि हमारे देश में शहरी एवं पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न-भिन्न हैं और पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप उपरोक्त मानकों का पालन किये जाने में अत्यन्त कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से लिखित रूप अनुरोध किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थान की कमी के कारण 100 मीटर की परिधि में स्थानीय लोगों के आवासीय भवन आदि निर्मित होते हैं जिसमें एक बड़ी आबादी निवास करती है। इसलिए इस विषय पर गौर करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन आने वाले संरक्षित क्षेत्रों की प्रतिषिद्ध दूरी को जनहित में 100 मीटर के स्थान पर 30-40 मीटर किया जाये।

श्री महाराज ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद में स्थित कटारमल सूर्य मंदिर में गुम्बद नहीं है और देशभर में कई मन्दिर मूर्तिविहीन है जो कि हमारी संस्कृति के विपरीत है। अतः अंग्रेजों के समय से मूर्तिविहीन मन्दिरों में मूर्तियों की स्थापना करवाया जाना अनिवार्य किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रायः देखा जाता है कि देशभर में होटल और पेट्रोल पम्पों में बने शौचालयों में स्वच्छता का पालन नहीं किया जाता है तथा होटलों के बाहर किसी प्रकार का साइन बोर्ड नहीं लगाया जाता है जिससे पर्यटकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। अतः देशभर में बने होटलों के बाहर साइन बोर्ड जिसमें Western Commode availabe इंगित हो, लगवाये जाने एवं पेट्रोल पम्पों में आम नागरिकों तथा विशिष्ट व्यक्तियों (VIPs) के लिए पृथक-पृथक टायलेट्स बनवाये जाने तथा उनमें स्वच्छता का कड़ाई से पालन करवाया जाना अनिवार्य करवाया जाय।