Home उत्तराखंड आपदा प्रबंधन केवल सरकारी दायित्व नहीं: अनिल वर्मा

आपदा प्रबंधन केवल सरकारी दायित्व नहीं: अनिल वर्मा

कमांडिंग ऑफीसर कर्नल ओ पी पाण्डे ने अनिल वर्मा को किया सम्मानित

यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा ने कहा कि आपदा प्रबंधन केवल सरकारी दायित्व नहीं है। इसमें सरकार के साथ आम जनता की सहभागिता भी बेहद आवश्यक है।
श्री वर्मा11- यू ० के० गर्ल्स बटालियन एन० सी० सी० द्वारा एस० बी० एस० यूनिवर्सिटी , बालावाला में आयोजित गर्ल्स कैडेट के आठ दिवसीय संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर में बतौर मुख्य प्रशिक्षक आपदा प्रबंधन, फर्स्ट एड का प्रशिक्षण तथा रक्तदान ,नेत्रदान ,एवं नशा विरोधी जागरूकता अभियान के तहत एनसीसी अधिकारियों व कैडेटों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आपदाओं के प्रति अति संवेदनशील राज्य है। राष्ट्रीय स्तर पर संवेदनशीलता में जोन चार में आने वाले उत्तराखंड राज्य में आए दिन प्राकृतिक अथवा मानव जनित आपदाओं की घटनाएं होती रहती हैं। एन सी सी के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवा कैडेट किसी भी आपदा से निबटने में प्रशासन के साथ बेहतर सहयोग कर सकते हैं।


श्री वर्मा ने भूकंप से बचाव हेतु भूकम्प से पूर्व, दौरान तथा पश्चात अपनाई जाने वाली तैयारियों, सावधानियों एवं कार्यवाही का प्रशिक्षण दिया। साथ ही क्षतिग्रस्त भवनों से घायलों को सुरक्षित निकालकर ले जाने हेतु “सर्च एंड रेस्क्यू” के “इमरजेंसी मेथड्स ऑफ रेस्क्यू के तहत ” ह्यूमन क्रेडल, ह्यूमन क्रच , फायरमेंस लिफ्ट, ब्लैंकेट लिफ्ट, पिक अबैक, रिवर्स पिक-अबैक, टू-थ्री-फोर हैंडेड सीट, फोर एंड आफ्ट मैथड, टो ड्रैग, बोलाईन ड्रैग, क्लब्ड हैंड्स, मंकी क्राल, ड्रा हिच तथा चेयर नाॅट आदि फ्री तथा रोप रेस्क्यू का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।
फर्स्ट एड प्रशिक्षण के तहत् हार्ट अटैक के दौरान प्रभावित व्यक्ति का जीवन बचाने हेतु कैडेट्स को सी० पी० आर० (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) का विधिवत् प्रशिक्षण दिया गया।
अब तक 141 बार रक्तदान कर चुके रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा ने रक्तदान – जीवनदान जागरूकता अभियान के तहत रक्तदान की आवश्यकता , महत्व, रक्तदान प्रक्रिया, रक्तदान हेतु योग्यता / अयोग्यता , रक्तदान के प्रति समाज में फैले अंधविश्वासों के साथ ही रक्तदान करने से स्वयं रक्तदाता को होने वाले फायदों की रोचक जानकारियां प्रदान कीं। उन्होंने एनीमिया तथा आनुवांशिक रक्तरोग थैलीसीमिया पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए थैलीसीमिया माईनर तथा थैलीसीमिया मेजर में अंतर बताया। उन्होंने युवाओं को विवाह करने से पूर्व अपनी व होने वाले जीवन साथी की जन्म कुंडली मिलाने की बजाय रक्त कुंडली ( थैलीसीमिया स्टेटस) मिलाने को बेहद जरूरी बताया ताकि होने वाली संतान थैलीसीमिया मेजर जैसे भयानक रक्तरोग को लेकर पैदा न हो।
श्री वर्मा ने उत्तराखंड में युवाओं में बढ़ते जा रहे मादक पदार्थों के सेवन के प्रतू गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कैडेटों से स्वयं नशामुक्त रहकर सरकार के नशामुक्त उत्तराखंड अभियान में स्वेच्छापूर्वक सहयोग करने की अपील की।
प्रशिक्षण के उपरांत गर्ल्स बटालियन के एस एम ( प्रशासन) कुलबीर सिंह के नेतृत्व में डी आई टी की कैडेट बिष्ट आदि ने आपदा प्रबंधन के “इमरजेंसी मेथड्स ऑफ रेस्क्यू” तथा फर्स्ट एड के “सीपीआर” का बेहतरीन प्रदर्शन किया ।
शिविर अध्यक्ष 11- यू० के० गर्ल्स बटालियन एनसीसी के कमान अधिकारी कर्नल ओ पी पाण्डे ने यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा को 141 बार रक्तदान करके मानवता की सेवा करने तथा कैडेटों को कुशल प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु गर्ल्स बटालियन ” सी० ओ० एंड ऑल रैंक्स ट्राॅफी ” प्रदान करके सम्मानित किया।
उन्होंने श्री वर्मा द्वारा आपदा प्रबंधन व फर्स्ट एड का कुशल व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा रक्तदान – जीवनदान व नशामुक्त जीवन पर प्रेरणादायक संबोधन को गर्ल्स कैडेटों के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए उनका हार्दिक धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
‌ इससे पूर्व गर्ल्स बटालियन की जी० सी० आई० सिव्या गुप्ता ने प्रशिक्षण के विषय का परिचय कराते हुए इसके ध्येय, उद्देश्य क्षेत्र , उपयोग तथा सावधानियों के विषय में जानकारी दी।
इस अवसर पर पूर्व कमांडिंग ऑफिसर कर्नल एस एस गुसाईं, पूर्व एन सीसी ऑफीसर मेजर प्रेमलता वर्मा‌ तथा कैप्टन नलिनी महर्षि, एस एम (प्रशासन) सूबेदार मेजर कुलबीर सिंह , एस एम (ट्रेनिंग ) नरेश सिंह , ले० स्मिता त्रिपाठी, ले० विनीता , थर्ड ऑफीसर प्रियंका रावत तथा सुमन रावत , सी० टी० दीपिका आहूजा सहित 750 कैडेट्स उपस्थित थे।