Home उत्तराखंड राज्यपाल गुरमीत सिंह ने राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक ली

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक ली

Governor Gurmeet Singh chaired a meeting of Vice Chancellors of State Universities
Governor Gurmeet Singh chaired a meeting of Vice Chancellors of State Universities

देहरादून।  कुलाधिपति एवं राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को राजभवन में राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक ली। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग एवं शासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक में राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा के केंद्र न होकर राष्ट्र निर्माण के प्रमुख स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल डिग्री प्रदान करना नहीं, बल्कि ऐसे युवा तैयार करना है जो न केवल रोजगार प्राप्त करें, बल्कि समाज, राज्य और राष्ट्र के विकास में योगदान दें। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके छात्र भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप ज्ञान और कौशल प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक परिवेश में शिक्षा को उद्योग जगत, नवाचार और प्रौद्योगिकी से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय को प्रदेश की आवश्यकताओं, प्राकृतिक संसाधनों और सामाजिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ्यक्रमों को अद्यतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को उद्योगों, अनुसंधान संस्थानों और स्टार्टअप जगत से जोड़कर व्यावहारिक अनुभव दिया जाए ताकि वे भविष्य की तकनीकी और व्यावसायिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बन सकें।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से अपने अलुमनाई नेटवर्क को मजबूत बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अलुमनाई किसी भी संस्थान की सबसे बड़ी पूंजी होती है और उनके अनुभव, मार्गदर्शन एवं संसाधन विश्वविद्यालय के विकास में अमूल्य योगदान दे सकते हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में सक्रिय प्लेसमेंट सेंटर स्थापित हों जो उद्योग जगत से सतत संवाद बनाए रखें और छात्रों को इंटर्नशिप व रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं।
बैठक के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय संबद्धता से संबंधित मामलों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्धारित मानक पूरे नहीं करने वाले कॉलेजों को संबद्धता न दी जाए। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को अपने गोद लिए गए गाँवों में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप योगदान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थान केवल कैंपस तक सीमित न रहें, बल्कि समाज के बीच जाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और आजीविका के क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाएं।
राज्यपाल ने कहा कि “वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च” के अंतर्गत सभी विश्वविद्यालयों द्वारा उत्कृष्ट शोध कार्य किया गया है। उन्होंने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि अब इस पहल के द्वितीय चरण में नए, प्रासंगिक और प्रभावशाली शोध विषयों का चयन किया जाए ताकि शोध कार्य प्रदेश और राष्ट्र की आवश्यकताओं से सीधे जुड़ सके। इस विषय पर बैठक में विस्तृत चर्चा भी हुई।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को एआई, नई प्रौद्योगिकियों और उभरते क्षेत्रों में अध्ययन और शोध को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों के समुचित उपयोग से उत्तराखण्ड के युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा सकता है।
इस बैठक में कुलपतियों ने अपने-अपने विश्वविद्यालयों की उपलब्धियों, चुनौतियों और आवश्यकताओं की जानकारी राज्यपाल को दी। राज्यपाल ने सभी बिन्दुओं पर समाधान हेतु उचित सहयोग का आश्वासन दिया। राज्यपाल ने कहा कि वह यह देखकर संतुष्ट हैं कि सभी कुलपति अपने-अपने विश्वविद्यालयों में बेहतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सकारात्मक परिवर्तन उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
इस अवसर पर सचिव राज्यपाल  रविनाथ रामन, विधि परामर्शी कौशल किशोर शुक्ल, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव  दीपेन्द्र चौधरी, सचिव  दीपक कुमार, अपर सचिव आनन्द वास्तव, कुलपति गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय प्रो. मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट, कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं एच.एन.बी. उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय प्रो. एन.के. जोशी, कुलपति उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय प्रो. ओंकार सिंह, कुलपति वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार प्रो. परविंदर कुमार कौशल, कुलपति उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी एवं कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय प्रो. दीवान सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।

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