Home उत्तराखंड भारी वर्षा के कारण अब तक 387 सड़के बंद हैं जिनमें से...

भारी वर्षा के कारण अब तक 387 सड़के बंद हैं जिनमें से 62 को खोल दिया गया है: महाराज

Chardham Yatra will break last year's record Maharaj
Chardham Yatra will break last year's record Maharaj

गढ़वाल मंडल के सभी जनपदों में बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बड़ा लेकिन स्थिति सामान्य

देहरादून। प्रदेश में भारी वर्षा के कारण अब तक 387 सड़के बंद हैं जिनमें से 62 सड़कें खोल दी गई है। गढ़वाल मंडल के अंतर्गत सभी जनपदों में बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बड़ा है लेकिन फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है। जबकि कुमायूं में सिंचाई खण्ड अल्मोड़ा के अन्तर्गत विगत चार दिनों से भारी बारिश होने के कारण कोसी, पनार, जैगन आदि नदियों व स्थानीय गाढ, गधेरे अपने उफान पर बह रहे हैं।

प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण सड़कों पर मलवा आने से नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, मेजर डिस्टिक रोड, विलेज रोड, पीएमजीएसवाई और अन्य जिला मार्गो सहित बंद कुल 325 सड़कों को खोलने के लिए कर्मचारी एवं अधिकारियों के साथ साथ 279 मशीनें लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि 03 नेशनल हाईवे में से 02 को खोल दिया गया है। इसके अलावा 14 स्टेट हाईवे में से 8 स्टेट हाईवे भी खोल दिए गए हैं।

लोक निर्माण मंत्री श्री महाराज ने बताया कि अल्मोड़ा के रानीखेत मोहान में 27 मीटर सेतु जो ब्रिटिश काल का था वह क्षतिग्रस्त हो गया है। वहां पर वैली ब्रिज की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। इसी प्रकार जनपद चंपावत में नदिया नदी पर 70 मीटर स्पान पुल बह गया है वहां पर कनेक्टिविटी की व्यवस्था कर दी गई है।

सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि सिंचाई विभाग गढ़वाल मण्डल के अन्तर्गत सभी सातों जनपदों में वर्षा से नदियों का जल स्तर तो बढ़ा है, लेकिन फिलहाल कोई खतरा नहीं है। जबकि सिंचाई खण्ड अल्मोड़ा के अन्तर्गत विगत चार दिनों से भारी बारिश होने के कारण कोसी, पनार, जैगन आदि नदियों व स्थानीय गाढ, गधेरे अपने उफान पर बह रहे हैं।
जनपद अल्मोडा में भारी बरसात के कारण पचास नहरों को क्षति पहुंचने के साथ-साथ जनपद पिथौरागढ़ में 90 मीटर सुरक्षा दीवार को क्षति हुई है। जिसकी लागत लगभग 135 लाख है। इसके अलावा जनपद चम्पावत में 29 नहरें जिनकी लागत 58 लाख है और 18 बाढ़ योजनायें क्षतिग्रस्त हुई हैं।