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ऑल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने किया हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर  कार्यक्रम का आयोजन

All Media Journalist Association organized a program on the occasion of Hindi Journalism Day
All Media Journalist Association organized a program on the occasion of Hindi Journalism Day

हरिद्वार। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ऑल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन उत्तराखण्ड द्वारा हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर हरिद्वार के रानीपुर मोड स्थित फॉर्चून गंगा होटल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन ऑल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बृजेन्द्र हर्ष व जिला अध्यक्ष प्रशांत शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुछ छात्राओं द्वारा स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में सभी अतिथियों का ऑल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएसन के सभी पदाधिकारियों ने फूल- मालाएं पहनाकर स्वागत किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे समाज सेवी डॉ. विशाल गर्ग ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है तो वह अकारण नहीं है। उसने समय- समय पर लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक हितों की रक्षा के लिये बहुत काम किया है और इसके लिये बड़ी कीमत भी चुकाई है। हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाते समय हम सवालो से घिरे हैं और जबाव नदारत है। पंडित जुगुल किशोर शुकुल ने जब 30 मई 1826 को कोलकाता से उदंत मार्तण्ड की शुरूआत की तो अपने प्रथम संपादकीय में अपनी पत्रकारिता का उददेश्य लिखते हुए शीर्षक दिया हिन्दुस्तानियों के हित के हेत। यही हमारी पत्रकारिता का मूल्य हमारे पुरखो ने तय किया था। आखिर क्यों हम पर इन दिनों सवालियो निशान लग रहे हैं। हम भटके हैं या समाज बदल गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिनो देश के एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में मुख्य  न्यायाधीश श्री डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि किसी देश को लोकतांत्रिक रहना है तो प्रेस को स्वतंत्र रहना चाहिये। जब प्रेस को काम करने से रोका हाता है तो लोकतंत्रा की जीवंतता से समझौता होता है। माननीय मुख्य न्यायाधीश ऐसा कहने वाले पहले विभूति नहीं हैं। उनसे पहले भी कई बार कई प्रमुख हस्तियां प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर मिलते जुलते विचार सार्वजनिक रूप से अभिव्यक्त कर चुकी है। मीडिया को लोकतंत्रा का चौथा स्तम्भ कहा जाता है तो वह अकारण नहीं है उसने समय-समय पर लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक हितों की रक्षा के लिये बहुत काम किया है और इसके लिये बड़ी कीमत भी चुकाई है लेकिन दुर्भाग्य से बीते दो- तीन दशकों में यह विश्वास लगातार दरकता गया है सम्मान घटता गया है।
महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा स्वामी डॉ. उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मीडिया की इस घटती प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता के पीछे बहुत सारे कारण गिनाये जा सकते हैं। सबसे पहला तो यही है कि उदारीकरण की आंधी से पहले जिस मीडिया ने खुद को एक मिशन बनाये रखा था उसने व्यवसायिकता की चकाचौंध में बहुत तेजी से अपना कॉरपोरेटाइजेशन कर लिया और खुद को मिशन की बजाये खालिस प्रोफेशन बना लिया। अब जब यह प्रोफेशन बना तो इसकी प्राथमिकताएं भी बदल गयी। जन की जगह धन साध्य बन गया। अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मीडिया प्रतिष्ठानों ने अपने तौर तरीके पूरी तरह बदल दिये। कंटेंट की बजाय उन्होंने आइटम पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया ताकि रीडरशिप और टीआरपी में ज्यादा से ज्यादा ऊचांई पर पहुंचा जा सके। जितनी ज्यादा ऊचांई ज्यादा विज्ञापन राजस्व। उसमें भी भारी घालमेल। उन्होने कहा कि अधिकतर अखबार और टीवी चैनल सामग्री की गुणवत्ता की बजाए आंकडो की बाजीगरी में अधिक भरोसा करने लगे लेकिन या तो उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया या फिर परवाह नहीं की कि इस पूरे चक्र में वे समाज और लोगों का भरोसा खो रहे हैं।
पीठाधीश्वर स्वामी भूपेन्द्र गिरी जी महाराज ने कहा कि अब स्थिति यह है कि मीडिया तो लगातार विस्तार कर रहा है लेकिन लोगों में उसकी विश्वसनीयता लगातार कम हो रही है। आज मीडिया के बहुत सारे रूप हैं। मनोरंजन को छोड दीजिये तो रेडिया ज्यादा लोग सुनते नहीं टीवी देखते नहीं, अखबार पढ़ते नहीं अगर यह सब करते भी हैं तो ये माध्यम उनके मन में कोई सकारात्मक जगा पाने में सफल नहीं हो पाते। जबकि कालांतर में ऐसे असंख्य अवसर आये हैं जब मीडिया ने अपने सामाजिक और लोकतांत्रिक दायित्वों का भलीभांति निर्वहन किया है।
महामंडलेश्वर उदासीन बड़ा अखाडा संतोषानंद जी महाराज एवं उदासीन बड़ा अखाडा महंत निर्मल दास ने कहा कि विश्वसनीयता के मामले में पत्रकारिता को दो वर्गों में बांटा जा सकता है एक 21 वीं सदी के आरंभ से पहले की पत्रकारिता और दूसरी इसके बाद की पत्रकारिता। पहले वर्ग में यह पत्रकारिता आती है जो समाज के लिये जयप्रकाश नारायण और विश्वनाथ प्रताप सिंह जैस नायकों को मजबूती प्रदान करती थी भ्रष्टाखर के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करती थी जनहित के लिये सत्ता की नाक में दम किये रहती थी। दूसरी पत्रकारिता वर्ष 2000 से बाद की पत्रकारिता है जिसमें सनसनी है स्टिंग हैं, मीडिया ट्रायल है, टीआरपी है, प्रायोजित यात्राएं हैं, निहित स्वार्थ हैं। अगर कुछ नहीं है तो समाज का विश्वास। अब कोई मीडिया की ओर नहीं देखता लोग उसमें कोई उम्मीद नहीं रखते, उस पर भरोसा नहीं करते। उनके लिये मीडिया पर प्रसारित सामग्री मनोरंजन की चीज बन चुकी है। हालांकि अखबार अभी इस स्थिति तक नहीं पहुंचे हैं लेकिन धीरे-धीरे बढ़ इसी राह पर रहे हैं।
गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार पीएस चौहान, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा संतोष चौहान, कमलकांत बुधकर, ऑल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बृजेन्द्र हर्ष, वरिष्ठ पत्रकार ललितेन्द्र नाथ, प्रवीण झा, श्रवण झा, कुलभूषण शर्मा, सोनू सिंह सहित कई पत्रकारों ने भी अपने-अपने विचार रखें।
कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्रा में एसएमजेएन पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा, समाज सेवा के क्षेत्रा में रवीश भटीजा, साहित्य के क्षेत्रा में महावीर सिंह, पत्रकारिता के क्षेत्रा में सोनू सिंह, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉक्टर मनीष कुमार को सम्मानित किया गया। वहीं हरिद्वार जिले में 12वीं कक्षा में टॉप करने वाले अक्षत सिंह व उत्तराखण्ड में टॉप करने वाले शिवम अग्रवाल को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में बच्चों ने सरस्वती वंदना स्वागत गीत व अन्वी भारती ने सुन्दर क्लासिकल नृत्य कर सभी का मन मोह लिया।
वहीं संयोजिका श्रीमती राजकुमारी राजेश्वरी की संयोजन में आरना गुप्ता, आराध्या गुप्ता, सोमिली मईती, अंजना चौबे, पावनी चौबे, जिगिशा ने सरस्वती वंदना गाकर तथा आराध्या, आरना गुप्ता, सोमिली, जिगीशा ने स्वागत गीत पर नृत्य कर सभी दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में ऑल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बृजेन्द्र हर्ष, जिलाध्यक्ष प्रशांत शर्मा, महामंत्री मनीष कागरान, जिला कोषाध्यक्ष नरेश तोमर, संजय लाम्बा, मित्रपाल, अनिल रावत, मनीष पाल, प्रवेश राय, बबलू थपलियाल, हर्ष तिवारी, सचिन तिवारी, मोहित शर्मा, लक्सर इकाई अध्यक्ष प्रवीन सैनी, जिला उपाध्यक्ष जाने आलम, राजीव शास्त्री,  संजय धीमान, इस्लाम, धर्मराज, रोहित कुमार सहित विभिन्न प्रेस संगठनों के पत्रकार एवं गणमान्य लोग मौजूद थे।