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युवा अपनी क्षमताओं का विकास समाज के साथ सामंजस्य बिठाकर करें : डॉ० अनिल वर्मा

Youth should develop their abilities in harmony with the society - Dr. Anil Verma
Youth should develop their abilities in harmony with the society - Dr. Anil Verma

यूथ रेडक्रास द्वारा डीएवी कॉलेज में आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया

नेशनल डिजास्टर वाटसन रिस्पांस टीम,नई दिल्ली सदस्य व यूथ रेडक्रास के मास्टर ट्रेनर आपदा प्रबंधन डॉ० अनिल वर्मा ने कहा कि युवाओं को उत्तराखंड के सर्वाधिक संवेदनशील विषय आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण समाज व राष्ट्रहित में लेना बेहद आवश्यक है। विशेषकर भूगर्भ वैज्ञानिकों की आशंका के आधार पर उत्तराखंड में लगभग 8 रिक्टर स्केल का भूकंप किसी भी क्षण आ सकता है जो बड़ी तबाही का कारण बन सकता है। अतः भूकंप से पूर्व, भूकंप के दौरान तथा भूकंप के उपरांत की तैयारी जान -माल की क्षति को न्यूनतम करने की दिशा में एक बुद्धिमत्तापूर्ण एवं दूरदर्शी कदम होगा ।
उक्त विचार डॉ० वर्मा ने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति -2020 के अनुसार द्वारा महाविद्यालयों में लागू नये पाठ्यक्रम “सेल्फ सोशल डेवलपमेंट” के तहत् डीएवी (पीजी ) कॉलेज के जूलाॅजी डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शशि किरन सोलंकी, डॉ० जेवीएस रौथाण तथा डॉ० सुन्दर सिंह रंसवाल द्वारा दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम चरण में छात्र- छात्राओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान करने के दौरान बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि स्वयं का सामाजिक विकास समाज के आदर्शों, अपेक्षाओं व आवश्यकताओं के अनुरूप अपनी क्षमताओं का उपयोग करते हुए स्वहित व समाज हित में सामंजस्य स्थापित करते हुए कार्य करना है।
उन्होंने भूकंप से पूर्व जर्जर भवनों अथवा दरार पड़ी छतों व दीवारों को यथाशीघ्र समय रहते ठीक करा लेने , भूकंप के दौरान सिर को बचाने तथा संयमपूर्वक घर से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर खड़े होने तथा भूकंप के उपरांत पर बिल्डिंगों व भवनों में फंसे घायलों एवं रोगियों को सर्च एंड रेस्क्यू के तहत् सुरक्षित निकालकर उपचार हेतु ले जाने के इमरजेंसी मेथड्स ऑफ रेस्क्यू का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रशिक्षण लेने को इच्छुक छात्र – छात्राओं से खचाखच भरे सभागार में प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन को लेकर उत्साह सराहनीय था।
डॉ० वर्मा ने बताया कि‌ आपदा प्रबंधन के दूसरे चरण में अग्निशमन तथा तीसरे चरण में प्राथमिक चिकित्सा एवं हार्ट अटैक से संबंधित कार्डियो पल्मोनरी रीससिटेशन (सीपीआर) का विधिवत् सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
शिविर का उद्घाटन उप प्राचार्य डीन ऑफ साइंस तथा बाॅटनी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस पी जोशी के संबोधन से हुआ। उन्होंने छात्रों से अपने व्यक्तित्व के सामाजिक विकास के लिए स्वयं को समझने, दूसरों की भावनाओं व आवश्यकताओं को समझने तथा अपनी सामाजिक व नैतिक जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए राष्ट्र एवं समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया।
शिविर के संयोजन में मेजर (डॉ०) अतुल सिंह , डा० एम एम जुवांठा, डॉ० पीके शर्मा डॉ डीके गुप्ता ,‌ डॉ अशोक श्रीवास्तव, डॉ शिखा सक्सेना , डॉ मनोज जादौन डॉ एस वी त्यागी , डॉ प्रदीप जोशी डॉ एम एम जस्सल,डॉ नैना श्रीवास्तव , डॉ रीना वर्मा , डॉ अनिल पाल , डॉ जीएस चौहान डॉ प्रशांत सिंह तथा रेस्क्यू टीम लीडर कु० आयुषी ने विशेष योगदान दिया।
शिविर का सघन संचालन प्रो० शशि किरन सोलंकी तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ० जेवीएस रौथाण ने किया।