Home उत्तराखंड राज्यपाल ने की ऑपरेशन विजय के वीर सैनिकों को  श्रद्धांजलि अर्पित

राज्यपाल ने की ऑपरेशन विजय के वीर सैनिकों को  श्रद्धांजलि अर्पित

The Governor paid tribute to the brave soldiers of Operation Vijay
The Governor paid tribute to the brave soldiers of Operation Vijay

देहरादून। 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आरआईएमसी देहरादून के थिमैया ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रतिभाग करते हुए इस  दिन के महत्व पर प्रकाश डाला और ऑपरेशन विजय के वीर सैनिकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत मनमोहक सैन्य बैंड सिम्फनी के साथ हुई, जिसमें गढ़वाल रेजिमेंटल सेंटर, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर और बंगाल इंजीनियर्स ग्रुप एण्ड सेंटर के प्रसिद्ध बैंडों ने प्रदर्शन किया। सैन्य बैंड ने देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत संगीत धुनों की प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने उत्तराखंड की 20 ‘वीर नारियों’ को उनकी अटूट हिम्मत व सहनशीलता के लिए और ऑपरेशन विजय के तीन वीरता पुरस्कार विजेताओं को उनकी वीरता और पराक्रम के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने सिम्फनी बैंड की सराहना की और सेना और उत्तराखण्ड राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को याद किया। राज्यपाल ने हमारे युद्ध नायकों के सर्वोच्च बलिदान को याद किया और दर्शकों से उनकी विरासत को बनाए रखने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान हमारे वीर सैनिकों ने हम सभी 140 करोड़ देशवासियों के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारजनों की देखभाल करना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के वीर सैनिकों ने इस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कई वीरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देश सेवा के लिए दिया। हमें उन वीर शहीदों की कहानियों से सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आतंकवाद, छद्मयुद्ध जैसी चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों के समकक्ष कोई अन्य सेना नहीं है।
इस कार्यक्रम में आईएमए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल मनीष जैन, जीओसी सब एरिया मेजर जनरल आर. प्रेमराज, जीओसी 14 इन्फैंट्री डिवीजन मेजर जनरल टी.एम. पटनायक, डिप्टी जीओसी सब एरिया ब्रिगेडियर संजोग नेगी सहित सेवारत और सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों और वीर नारियों ने प्रतिभाग किया।