Minister Premchand Agarwal: ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन विवि कैंपस ऋषिकेश में भौतिक विज्ञान में उन्नति, समाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। वक्ताओं ने मानव जीवन में भौतिक विज्ञान की महत्ता के बारे में बताया। शुक्रवार को श्रीदेव सुमन विवि के ऋषिकेश कैंपस में सतत विकास और एनईपी विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ कबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि सुव्यवस्थित, सुसंगठित और क्रमबद्ध ज्ञान को ही विज्ञान कहते हैं। हमारे देश में प्राचीन काल से ही विज्ञान के साथ-साथ भौतिक का महत्व रहा है। हमारा राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम एक सकारात्मक अभियान था, यह केवल एक विदेशी हुकुमत से पीछा छुड़ाने की साधारण बात नहीं थी। इसी अभियान ने आधुनिक विज्ञान को तकनीकी एवं उद्योगों के लिए तैयार करना शुरू किया। समाज में आधुनिकीकरण की आवश्यकता के लिए और वैज्ञानिक अभिवृद्धि के विकास को भौतिक विज्ञान की महत्वता और भी बढ़ जाती है। कहा कि नई शिक्षा नीति का लक्ष्य सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडे के चौथे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना है। यह देश की पारंपरिक मूल्य प्रणालियों का निर्माण करती है और साथ ही प्रत्येक छात्र की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षा प्रणाली को अधिक अनुभवात्मक, वैज्ञानिक, रचनात्मक और व्यक्तिगत बनाने हेतु अनेक सुधार प्रस्तुत करती है। कुलपति एनके जोशी ने कहा कि इस संगोष्ठी में भौतिक एवं आभासीय माध्यम से जुड़े विषय विशेषज्ञ एवं शोधार्थी शिरकत कर रहे हैं। इसके जरिए देश की उन्नति एवं उसे विश्वगुरु बनाये रखने में अनोखे आयाम स्थापित होंगे। मौके पर प्राचार्य ऋषिकेश परिसर प्रोफेसर एनएस रावत, वरिष्ठ पार्षद शिवकुमार गौतम, छात्रसंघ महासचिव अमन पांडे, छात्रसंघ उपाध्यक्ष केशव पोरवाल, पूर्व छात्रसंघ विवि प्रतिनिधि नितिन सक्सेना, प्रो.सुरेंद्र सिंह, प्रो.गुलशन ढींगरा, प्रो.वाईके शर्मा, प्रो. वीके गुप्ता, प्रो.वीएन गुप्ता, प्रो. आशीष शर्मा, डॉ. दयाधर दीक्षित, प्रो. कल्पना पंत, प्रो. समिता बसेरा, प्रो. समिता बडोला, डॉ. प्रीति खंडूरी, डॉ. सीमा बेनीवाल समेत छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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