हल्द्वानी। कॉर्बेट व रामनगर वन प्रभाग की सीमा मोहान में एक बाघिन को वन विभाग ने पिंजरे में कैद किया है। पिंजरे में ही ट्रैंकुलाइज कर उसे कॉर्बेट के ढेला रेंज में बने रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। हमलावर बाघिन यही है, इसको लेकर बाघिन का डीएनए सैंपल लिया गया है। दरअसल, हाल ही में मोहान क्षेत्र में बाघ तीन लोगों को मार चुके हैं, इसको लेकर करीब चार माह से बाघ पड़ने को कॉर्बेट व वन विभाग का बड़ा अभियान चल रहा है। बुधवार की सुबह रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंज में लगाए एक पिंजरे में बाघिन कैद मिली। इस पर डीएफओ कुंदन कुमार, वन्यजीव डॉक्टर दुष्यंत टीम के साथ मौके पर पहुंचे। डॉ. दुष्यंत कुमार ने बताया कि बाघिन को पिंजरे के अंदर ही ट्रैंकुलाइज किया गया। बंद वाहन से बाघिन को ढेला रेस्क्यू सेंटर रखा गया है। उन्होंने बताया कि मोहान से सटे जगहों पर कुछ और बाघों का भी मूवमेंट हो रहा है। बाघिन सुबह पिंजरे में कैद हुई है। वह शिकार की तलाश में पिंजरे के पास आई थी। बाघिन की उम्र करीब सात से आठ साल की है। बताया कि बाघिन के अगले पैर पर चोट, कुछ दांत भी टूटे हैं।
बाघिन का राज खोलेगा डीएनए: वनाधिकारियों के अनुसार बाघिन के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। डीएनए रिपोर्ट आने पर बाघिन ने ही तीनों को मारा है, यह स्पष्ट हो जाएगा। बताया कि सर्पदुली रेंज में भी एक बाघिन ने एक को मारा था, जबकि दूसरे को घायल कर दिया था। बताया कि उसके डीएनए से पता चला था कि उसी बाघिन ने हमला व दूसरे को मारा था।
तीन बाघों का और दिख रहा मूवमेंट: मोहान क्षेत्र में तीन और बाघ कैमरों में दिख रहे हैं। पकड़ी गई बाघिन भी काफी बार इधर से उधर जाती हुई दिखी है। इससे यह माना जा रहा है कि तीनों घटनाओं में यह बाघिन भी हो सकती है। बताया कि तीनों अन्य बाघ भी खूंखार दिख रहे हैं। इससे मोहान व अन्य जगहों पर खतरा अभी बरकरार है।