मेयर अनिता ममगाईं ने कहा है कि अरसे से उपेक्षित पड़ी संजय झील तीर्थनगरी के खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी। यह इस योजना जल्द पर काम शुरू होगा। रविवार को मेयर अनिता ममगाईं ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ हरिद्वार-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग पर काले की ढाल के समीप रंभा नदी के उद्गम स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही रंभा नदी का यह स्थल शहर के खूबसूरत पर्यटन स्थल संजय झील के रूप में पहचाना जाएगा। यहां योग, ध्यान एवं आध्यात्मिक शांति के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़ेगी। वहीं बच्चों के साथ पिकनिक एवं सैर सपाटा करने वालों के लिए भी यह प्रमुख आकर्षण का केंद्र साबित होगा। पर्यटन एवं तीर्थाटन के लिए रंभा नदी को विकसित करने के लिए वह पिछले तीन वर्षों से जुटी हैं। उन्होंने देवभूमि के संत समाज का आभार भी जताते हुए कहा कि हरेला पर्व के दौरान शहर के संत समाज ने रंभा नदी के उद्गम स्थल पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के बीच पौधे रोपे थे। कहा कि इस रंभा कुंड का जिक्र स्कंदपुराण में किया गया है। यह स्थल रंभा कुंड के नाम से पहचाना जाये, इसके लिए विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव दिया गया है। मौके पर वन क्षेत्राधिकारी ललित मोहन सिंह नेगी, पार्षद विजय बडोनी, सुनील उनियाल, पूरण पंवार, पवन शर्मा, राकेश पाल आदि शामिल रहे।
सौंदर्यीकरण को 10 लाख मिले
रंभा नदी के उद्गम स्थल पर संजय झील को विकसित करने के लिए 10 लाख का बजट रिलीज हुआ है। मेयर अनिता ममगाईं ने बताया कि पिछले दिनों प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी से मुलाकात कर संजय झील प्रोजेक्ट में तेजी लाने के लिए बजट अवमुक्त कर तत्काल डीपीआर तैयार करने की मांग भी की गई थी। नतीजन अब यह महत्वाकांक्षी योजना साकार होने की ओर अग्रसर हो चली है।