जौनसार बावर के पहले चिकित्सक एवं समाजसेवी डा. सरदार सिंह चौहान (86 वर्ष) का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया। उनके निधन पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और अनेक सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। वे अपने पीछे दो पुत्र और पांचं पुत्रियों का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं।
मूलरूप से कालसी ब्लॉक के बिसोई गांव निवासी डा. चौहान पिछले 70 वर्ष से अधिक समय से चकराता में रह रहे थे। बताया गया कि वह जौनसार बावर के पहले चिकित्सक थे। चकराता में ही उनका अपना निजी क्लीनिक था। डा. चौहान चिकित्सक होने के साथ ही एक समाजसेवी और राजनीति में भी सक्रिय थे। उन्होंने हमेशा समाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी निभाई। राम मंदिर आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। साथ ही चकराता में छह दशक से अधिक समय तक ग्रामीणों का उपचार किया। वे कोविड काल मे भी निरंतर मरीजों का उपचार करते रहे। डा. चौहान पिछले चार वर्ष से गुर्दों की बीमारी से ग्रसित थे। दो सप्ताह से उनका स्वास्थ्य ज्यादा खराब था और विकासनगर के एक निजी नर्सिंग होम में उनका उपचार चल रहा था। जहां उन्होंने सोमवार सुबह अंतिम सांस ली। उनके निधन पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, विकासनगर विधायक मुन्ना चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, पूर्व जिपं अध्यक्ष चमन सिंह, जनजाति आयोग के अध्यक्ष मूरत राम शर्मा, व्यापार मंडल अध्यक्ष केशर चौहान, कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष पंकज जैन, प्रताप रावत, चंदन रावत, अमित जोशी, तीर्थ कुकरेजा, मुन्ना राणा, आईएस नेगी आदि ने दुख जताया है।