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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया 670 करोड़ रुपये की लागत से बीआरओ द्वारा निर्मित 35 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन

Defense Minister Rajnath Singh inaugurates 35 infrastructure projects built by BRO at a cost of Rs 670 crore
Defense Minister Rajnath Singh inaugurates 35 infrastructure projects built by BRO at a cost of Rs 670 crore

-सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को भारत का चेहरा मानती है; वे हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं, बफर जोन नहीः  राजनाथ सिंह
-रक्षा मंत्री के देवभूमि आगमन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया उनका स्वागत।
देहरादून(आरएनएस)।    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 जनवरी को सीमांत क्षेत्र जोशीमठ ढाक से बीआरओ द्वारा निर्मित 35 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए देश को समर्पित किया। इसमें सात राज्यों की 06 सड़कें और 29 ब्रिज शामिल है। परियोजनाओं को बीआरओ द्वारा 670  करोड़ की लागत पर पूरा किया गया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत रक्षा मंत्री के साथ मौजूद रहे।
रक्षा मंत्री ने सात राज्यों की जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें उत्तराखंड में 03 ब्रिज, जम्मू-कश्मीर में 01 सड़क व 10 ब्रिज, लद्वाख में 03 सड़के व 6 ब्रिज, हिमांचल प्रदेश में 01 ब्रिज, सिक्किम में 02 सडकें, अरूणाचल प्रदेश में 08 ब्रिज तथा मिजोरम में 01 ब्रिज शामिल है। उत्तराखंड राज्य में भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशमठ-मलारी मार्ग पर ढाक ब्रिज एवं भापकुंड ब्रिज और सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर रिमखिम गाढ ब्रिज को शिवालित परियोजना द्वारा 33.24 करोड़ लागत से तीनों ब्रिज बनाए गए है। जिससे सीमांत क्षेत्रों में आवागमन सुगम हो गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा, “भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। और साथियों, इसमें हमें सबका सहयोग मिल रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सेवा की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी परियोजना को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्वता के कारण संभव हुआ है। साथ ही उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल अधिकतम राष्ट्रीय सुरक्षा और कल्याण के मंत्र के साथ काम करने का आह्वान भी किया।
रक्षा मंत्री ने देश के सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बीआरओ की सराहना की और कहा कि सड़क, पुल आदि का निर्माण करके, संगठन दूर-दराज के इलाकों को भौगोलिक दृष्टि से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ रहा है, साथ ही दूरदराज के गांवों में रहने वाले  लोगों के दिलों को बाकी नागरिकों के साथ भी जोड़ रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्यधारा का हिस्सा मानती है न कि बफर जोन। “एक समय था जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। सरकारें इस मानसिकता के साथ काम करती थीं कि मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग ही मुख्यधारा के लोग हैं। उन्हें चिंता थी कि सीमा पर घटनाक्रम का इस्तेमाल दुश्मन द्वारा किया जा सकता है। इसी संकीर्ण मानसिकता के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच सका। ये सोच आज बदल गई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हम इन क्षेत्रों को बफर जोन नहीं मानते हैं।’’ वे हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को सिर्फ मौसम संबंधी घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय इसे बहुत गंभीरता से ले रहा है और इस संबंध में मित्र देशों से सहयोग मांगेगा। राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए हाल ही में शुरू किए गए सिलकियारा टनल ऑपरेशन में बीआरओ के योगदान का भी विशेष उल्लेख किया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संगठन से जुड़े लोगों की मेहनत को  मान्यता देती है। “हमने सशस्त्र बलों के बराबर बीआरओ के स्थायी नागरिक कर्मियों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ता सुनिश्चित किया है। कैजुअल मजदूरों का अनुग्रह मुआवजा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। हाल ही में, मैंने हमारे सीपीएल के लिए 10 लाख रुपये के बीमा के प्रावधान को मंजूरी दी है। ये कदम हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों, नागरिक कर्मचारियों और बीआरओ में सीपीएल के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोशीमठ ढाक में सीमा सड़क संगठन के जवानों से भी मिले और उनसे बातचीत करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। विपरीत परिस्थितियों में देश की सीमाओं पर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाने में बीआरओ के कार्याे की जमकर सराहना भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि आगमन पर रक्षा मंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए सीमांत क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण पर आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने  कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य के सामरिक, धार्मिक व पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है। चारधाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना व पर्वतमाला जैसी योजनाएं विकास के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में तेजी से विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ पूरे मनोरथ से काम कर रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने बीआरओ की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट,  कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, जिला अध्यक्ष रमेश मैखुरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्रीमती रेखा यादव, बीआरओ से लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन उपस्थित थे।